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Vrat Katha
12 Jyotirlinga
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Vrat Katha
Sundarkand
“सुन्दर कांड” – श्री राम चरित मानस का 5 वा अध्याय/कांड है। सुन्दर कांड (Sundar Kand) को सबसे पहले रामायण में श्री वाल्मीकि जी ने संस्कृत में लिखा था। बाद में तुलसी दस जी ने जब श्री राम चरित मानस लिखी, तो सुन्दर कांड का अवधी भाषा वाला रूप हम सब के सामने आया जो की सबसे प्रचलित है|..
Mangalvar Vrat Katha
कहानी एक समय की है, जब एक बार एक गांव में एक सुन्दर और भक्तिभाव से भरे आदमी नामक धर्मपाल रहता था। वह भगवान श्री हनुमानजी के परायण थे और प्रतिवार मंगलवार को उनके व्रत करते थे। एक दिन, धर्मपाल ने एक बूँदी की भिख मांगी और उसे दी।....
Somvar Vrat Katha
कहानी एक समय की है, जब एक नगर में एक नामक व्रती श्रीमान राजा राजसिंह नामक राजा राज्य कर रहे थे। राजा बहुत ही धर्मिक और भक्तिभाव से भगवान शंकर के परायण थे। उनके दीननाथ मंदिर में रोज सोमवार को व्रत आयोजित किया जाता था। ..
Santoshi Maa Vrat Katha
कहानी एक समय की है, जब प्राचीन काल में प्रयग नगर में एक ब्राह्मण वंश में एक ब्राह्मण परिवार रहता था। इस परिवार में एक सुंदर और भक्तिभाव से भरा हुआ बेटी का नाम संतोषी था। संतोषी बहुत ही भक्तिभाव से भगवान संतोषी माता की पूजा करती थी।..
chaturthi Vrat Katha
कहानी एक समय की है, जब प्राचीन काल में एक नगर में एक ब्राह्मण परिवार रहता था। इस परिवार में एक ब्राह्मण कुमारी थी, जिसका नाम विश्वान्ती था। विश्वान्ती बहुत ही भक्तिभाव से भगवान गणेश की पूजा करती थी।..
Gajendra vrat katha
कहानी एक समय की है, जब प्राचीन काल में एक गज नामक हाथी था जो तातिया नामक सरोवर में निवास करता था। एक दिन, गज ने अपने गर्जन से देखा कि एक शक्तिशाली और भगवान विष्णु की वाहन गरुड़ उसके सरोवर में दुबक लेने आ रहा है।..
Mangla Gauri Vrat Katha
कहानी एक समय की है, जब प्राचीन काल में एक नगर में एक ब्राह्मण परिवार रहता था। इस परिवार में एक सुंदर और भक्तिभाव से भरी बेटी थी, जिसका नाम गौरी था। गौरी बहुत ही भक्तिभाव से भगवान शक्ति (पार्वती माता) की पूजा करती थी और व्रत आयोजित करती थी।...
satyanarayan vrat katha
कहानी एक समय की है, जब प्राचीन काल में एक नगर में एक व्यापारी नामक श्रद्धा नामक व्यक्ति रहता था। श्रद्धा ने अपने दोस्तों के प्रेरणा से सत्यनारायण व्रत का आयोजन किया। उन्होंने अपने घर पर पंचांग देखकर एक सुन्दर मुहूर्त चुना और व्रत की तैयारी करने लगे।..
bhadrapad vrat katha
कहानी एक समय की है, जब भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को एक ब्राह्मण परिवार में व्रत आयोजित किया गया। इस परिवार में एक सुंदर और भक्तिभाव से भरी बेटी थी, जिसका नाम भद्रा था। भद्रा ने प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को व्रत आयोजित करने का संकल्प लिया और उसे सही और धार्मिक तरीके से आचरण किया।...
Mahalakshmi Vrat Katha
लक्ष्मी जी ने ब्राह्मण से कहा कि तुम 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत करो और व्रत के आखिरी दिन चंद्रमा का पूजन करके अर्ध्य देने से तुम्हारा व्रत पूर्ण होजाएगा।....
Jitiya Vrat Katha| जितिया व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक गरुड़ और एक मादा लोमड़ी नर्मदा नदी के पास एक जंगल में रहते थे।.
bhraspati vrat katha अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा | बृहस्पतिदेव की कथा
भारतवर्ष में एक राजा राज्य करता था वह बड़ा प्रतापी और दानी था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों...
Budhwar Pradosh vrat katha बुध प्रदोष व्रत कथा
वार के अनुसार जो प्रदोष व्रत करते हैं, उसी के अनुरूप उसका फल प्राप्त होता है। प्रदोष अथवा त्रयोदशी का व्रत मनुष्य को संतोषी एवं सुखी बनाता है। बुध त्रयोदशी प्रदोष व्रत करने से सर्व कामनाएं पूर्ण होती हैं।..
Hartallika Teej vrat katha हरतालिका तीज व्रत कथा
कथा के अनुसार मां पार्वती ने अपने पूर्व जन्म में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया।..
Putra Prapti vrat katha| पुत्रदा / पवित्रा एकादशी व्रत कथा
अब आप मुझे श्रावण शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? व्रत करने की विधि तथा इसका माहात्म्य कृपा करके कहिए। मधुसूदन कहने लगे कि इस एकादशी का नाम पुत्रदा एकादशी है।...
Naag Panchami vrat katha|नाग पंचमी पौराणिक कथा
प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था, नाग पंचमी पौराणिक कथा...
Parma Ekadashi vrat katha|परमा एकादशी व्रत कथा
श्री भगवान बोले, हे अर्जुन! अधिकमास के कृष्ण पक्ष में जो एकादशी आती है वह परमा एकादशी कहलाती है।..
Padmini Ekadashi vrat katha|पद्मिनी एकादशी व्रत कथा
श्री भगवान बोले, हे राजन्! अधिकमास में शुक्ल पक्ष में जो एकादशी आती है वह पद्मिनी (कमला) एकादशी कहलाती है।...
Shani Pradosh vrat katha | शनि प्रदोष व्रत कथा
शनि प्रदोष व्रत कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक नगर सेठ थे। सेठजी के घर में हर प्रकार की सुख-सुविधाएं थीं लेकिन संतान नहीं होने के कारण सेठ और सेठानी हमेशा दुःखी रहते थे।...
Kokila vrat katha | कोकिला व्रत कथा
ऋषियों की आज्ञानुसार आषाढ़ के एक माह से दूसरे माह व्रत रखकर शिवजी का पूजन किया। जिससे प्रसन्न होकर शिवजी ने पार्वती के साथ विवाह कर लिया।...
Guru Pradosh vrat katha|गुरु प्रदोष व्रत कथा
कहानी एक समय की है, जब प्राचीन काल में एक नगर में एक व्यापारी नामक श्रद्धा नामक व्यक्ति रहता था। श्रद्धा ने अपने दोस्तों के प्रेरणा से सत्यनारायण व्रत का आयोजन किया। उन्होंने अपने घर पर पंचांग देखकर एक सुन्दर मुहूर्त चुना और व्रत की तैयारी करने लगे।..
Vaat savitri vrat katha| वट सावित्री व्रत कथा
भद्र देश के एक राजा थे, जिनका नाम अश्वपति था। भद्र देश के राजा अश्वपति के कोई संतान न थी...
Apra achla vrat katha| अपरा / अचला एकादशी व्रत कथा
धर्मराज युधिष्ठिर भगवान श्री कृष्ण से: अब आप कृपा करके ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी कथा क्या है? इस व्रत की क्या विधि है, कृपा कर यह सब विस्तारपूर्वक कहिए।...
Gangour Vrat Katha |गणगौर व्रत कथा
गणगौर व्रत कथा | भगवान शंकर, माता पार्वती जी एवं नारदजी के साथ भ्रमण हेतु चल दिए। वे चलते-चलते चैत्र शुक्ल तृतीया को एक गाँव में पहुँचे।...
Mahashivratri vrat katha|महा शिवरात्रि पूजन पौराणिक व्रत कथा
महाशिवरात्रि पूजन व्रत कथा के से जुड़ी एक रोचक पौराणिक कथा... एक बार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। यही वह गुह था जिसके साथ भगवान् श्री राम ने मित्रता की थी।..